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अधर्म संसद

भारत देश उदारता का देश है, इस देश मे विभिन्न धर्मो के लोग इनसे जुड़ी विभिन्न संस्कृतिया कई तरह की भाषा जैसा कि भारत की करेंसी पर 17 भाषाओं मे लिखा गया है ऐसा शायद ही दुनिया मे किसी देश मे इतनी भाषाओं को मान्यता और इतने धर्मों के लोग रहते है । हिन्दू धर्म उदारता, करुणा, प्रेम, सदभाव, माफ़ी, अपने धर्म के प्रति साधना रखते हुए बाकी तमाम धर्मों को इज्जत , सम्मान दे ।  1.ये देश धर्मनिरपेक्ष है "भारतीय संविधान के भाग 3  अनुछेद 25 से 28 तक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार का उल्लेख है , राज्य का कोई धर्म नहीं हैं और वह किसी भी धर्म को संरक्षण प्रदान नहीं करता ,संविधान किसी भी धर्म को ऊँचा नहीं मानते बल्कि सभी धर्मों को बराबरी से देखा जाएगा व्यक्ति अपने पसंद के अनुसार कोई भी धर्म अपना सकता है ।। 2. हालांकि सभी धर्मों ने रंग, कपड़ो, और भाषा को अपना रखा है , लेक़िन आस्था की तो कोई लकीरें नहीं हैं ।  हरिद्वार मे हुए तथाकथित धर्म संसद या अधर्म संसद कहे इनके जहर से भी ज्यादा बतर ख़तरनाक भाषण अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ नरसंहार की बाते भयानक जरूर है लेकिन पहली बार नही , ऐसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी...