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Showing posts from February, 2022

स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती

आज 26 फरवरी 2022 स्वामी दयानंद सरस्वती कि जयंती है इनका जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकार में हुआ , इनका मूल नाम मूलशंकर तिवारी था , स्वामी जी आर्य समाज के संस्थापक है इन्होंने आर्य समाज की स्थापना 10 अप्रैल 1875 को की । स्वामी जी सती प्रथा , बाल विवाह , बाली प्रथा जन्म पर आधारित जाति व्यवस्था , कुरीतियों , छूआछूत पाखण्ड आडम्बरों के विरुद्ध थे इनका मानना था वैदिक शास्त्रों में इन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है इन प्रथाओं का खंडन किया ।   स्वामी जी ने माना स्त्री का स्थान पुरुष के समान और वेदों के अध्ययन का अधिकार पुरुषों के समान है । स्त्री शिक्षा का सर्मथन , इनका उद्देश्य वैदिक धर्म और संस्कृति की पुनर्स्थापना , प्रचीन वेद शास्त्रों के साथ आधुनिक ज्ञान विज्ञान का महत्व और सभी को सामान शिक्षा प्राप्त हो न की समाज में एक खास वर्ग को । स्वामी जी सम्पूर्ण जीवन महान समाज सुधारक रहे .   स्वामी जी का देहांत 30 october 1883 अजमेर में हुआ ।

इतिहास में अब तक सबसे बड़ा बैंक घोटाला

     इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला  CBI ने अबतक के सबसे बड़े बैंकिंग सेक्टर के घोटाले में शामिल अधिकारियों पर FIR दर्ज की  ये एफआईआर करवाई स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने बैंक धोखाधड़ी मामले में ABG Groups के ' शिपयार्ड लिमिटेड और ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो कंपनी है इन पर मामले दर्ज हुए है। इस कंपनी ने पैसो की हेराफेरी करते हुए उन सभी नियमो का उलंघन किया और 28 बैंको को चूना लगाया है । 28 बैंको के संघ को एक बैंक लीड करता है । बैंक संघ को ICICI बैंक लीड कर रहा था । CBI की एफआईआर के अनुसार 22,842 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है । शिपयार्ड लिमिटेड के अधिकारी जिन पर CBI ने मामले दर्ज किये है । अध्य्क्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल ,  कार्यकारी निदेशक संथामन मुथुस्वामी , और अन्य तीन लोग जो शिपयार्ड लिमिटेड में निदेशक है  अश्वनी कुमार , शुशील कुमार अग्रवाल , रविविमल नेविता , खासकर इन पांच अधिकारियों पर आरोप है की इन लोगो ने पैसों की हेराफेरी का फ्रॉड किया है ।  7 फरवरी को CBI ने एफआईआर रिपोर्ट में अपराध , षड़यंत्र , धोखाधड़ी , के आरोपो...

सूर्यकांय त्रिपाठी निराला

महाप्राण निराला के जन्मदिन के अवसर पर  सूर्यकांत त्रिपाठी निराला आधुनिक युग के नए कवियों में महाप्राण निराला सदा निराले रहे। इनका जन्म 21 फरवरी 1896 बंगाल के महिषादल जिला मेदनीपुर मे हुआ उस दिन सरस्वती पूजन था । निराला अपने परिवार को खोने के बाद इलाहाबाद आगए और जीवन भर वही रहे । निराला अपनी लेखनी ने 1915 से शुरू की परंतु इनका पहला काव्य संग्रह ' परिमल ' 1929 मे प्रकाशित हुआ ।  निराला का नाम सूर्यकुमार उनकी माँ ने रखा था निराला ने स्वयं अपने नाम को बदलकर सूर्यकांत रखा ।  इनका उपनाम निराला है इन्होंने ये उपनाम जब रखा जब वे साहित्यक पत्रिका मतवाला से जुड़े निराला निराले मतवाले भी कहे जाते है ।  निराला को छायावाद युग के चार स्तम्भ जयशंकर प्रसाद , सुमित्रानंदन पंत महादेवी वर्मा और निराला इस स्तम्भ के प्रमुख माने जाते है इन्हें छायावाद स्तम्भ का शिवशंकर कहा जाता है । निराला ने कविताएं , उपन्यास , नाटक , कहानियां , अनुवाद तथा सभी विधाओं मे उत्कृष्ट लेखनी की परंतु इन्हें कविताओं के लिए मुख्य रूप से ख्याति मिली है । निराला मुक्तछंद कविता के जनक है इनकी कविता जूही की कली मुक्तछ...